जानें 1 वोट की ताकत, इतिहास तक बदल कर रख दिया
Know the power of 1 vote, it even changed history
मतदान करना क्यों जरूरी है लिए दोस्तों आपको बताते हैं इस आर्टिकल में डिटेल के साथ कि आपका मतदान कितना इंपॉर्टेंट है देश के विकास के लिए और आपको मतदान किन-किन मुद्दों पर करना चाहिए इन सभी बातों पर चर्चा आज हमें आर्टिकल में आपको के बीच करने वाले हैं। Know the power of 1 vote, it even changed history
जानिए मतदान का महत्व
लोकसभा के चुनाव हों या फिर विधानसभा, यह पांच साल के बाद आते हैं इसलिए चुनावों में वोट डालना बहुत जरूरी होता है। लोकतंत्र में वोट डालना वोटरों का कर्तव्य और जिम्मेदारी बनती है। इसलिए 20 फरवरी को होने जा रहे पंजाब विधानसभा के चुनाव में प्रत्येक मतदाता उस अधिकार का प्रयोग करें जोकि समाज, राज्य और देश की भलाई के लिए बहुत जरूरी है। जितना ज्यादा मतदान होगा, हमारा लोकतंत्र भी उतना ही ज्यादा मजबूत होगा। क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जहां पर चाहे केंद्र की सरकार और चाहे किसी राज्य की, उसे चुनने का माध्यम एक वोट ही है। इसलिए इस देश में वोट की महत्ता बहुत ज्यादा है।
चुनाव में मतदान का बहुत महत्व
इस महत्ता को ध्यान में रखते हुए ही अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। चुनाव आयोग के निर्देश पर अधिक से अधिक मतदान करवाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से तमाम पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। वोट का इस्तेमाल बिना की किसी भय और लालच से करना चाहिए। किसी के पीछे लगकर नहीं अपनी सूझ बूझ से अच्छे प्रत्याशी को वोट करनी चाहिए।
आपके एक वोट से किया होगा जानिए
मतदान भारत के सभी नागरिकों का एक प्रमुख अधिकार है जिसका उपयोग सभी मतदाता भाइयों को करना चाहिए परंतु देखा गया है कि कुछ लोग मतदान करने से पीछे रहते हैं सोचते हैं कि मेरे एक वोट से क्या होगा पर आप सबको पता है आपका एक-एक बोर्ड से ही राज्य में विधायक से लेकर मुख्यमंत्री बनते हैं और देश में संसद से लेकर देश के प्रधानमंत्री का चुनाव आपके एक-एक वोट से होता है इसलिए आप अपना वोट जरूर करें
जानें 1 वोट की ताकत
अटल सरकार का गिरना :- अप्रैल, 1999 भारतीय इतिहास में एक अहम घटना के लिए दर्ज है। इसी दिन 13 महीने पुरानी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ एक वोट से पास हुआ था। प्रस्ताव के पक्ष में 270 वोट पड़े थे और खिलाफ 269 वोट। इसके नतीजे में वाजपेयी सरकार गिर गई।
ए.आर.कृष्णमूर्ति :- कर्नाटक विधानसभा के 2004 के चुनाव में ए.आर.कृष्णमूर्ति जनता दल सेक्युलर के टिकट पर लड़े थे। उनके प्रतिद्वंद्वी ध्रुवनारायण को 40752 वोट मिले जबकि उनको 40751। वह विधानसभा चुनाव में एक वोट से हारने वाले पहले शख्स बन गए थे।
अहमद पटेल :- 2017 में गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ था। एक सीट पर कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल लड़ रहे थे। कांग्रेस के ही दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी जिससे अहमद पटेल की जीत मुश्किल हो गई थी। क्रॉस वोटिंग करने वाले दो एमएलए यह भूल गए थे कि वे वोट करते वक्त भी कांग्रेस के सदस्य थे और वे पोलिंग बूथ पर खड़े होकर अपनी बदली हुई वफादारी का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं कर सकते। इससे उनके वोट रद्द हो गए जिससे जीतने के लिए वोटों की संख्या 43.5 हो गई। अहमद पटेल को 44 वोट मिले थे, इस तरह वह आधे वोट से जीत गए।