किसान का बेटा ज्ञान का दीप जला क्षेत्र में फैला रहा है शिक्षा का प्रकाश रायगढ़ जिले के शिक्षक के टिकेश्वर पटेल

रायगढ़ /रवि@Rन्यूज़ :-   नवाचार शिक्षा के साथ बच्चों को देते हैं निशुल्क कोचिंग रायगढ़ जिले के शिक्षक के टिकेश्वर पटेल जहां चाह ,वहां राह कहते हैं ।कोई भी चीज अगर लगन मेहनत से किया जाए तो निश्चित ही उसमें सफलता मिलती है ।शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षा के कौन सा प्राणी होता है ।जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देखभाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है।

छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकास खंड के प्राथमिक शाला चारमार पदस्थ शिक्षक श्री टिकेश्वर पटेल जो अपने अध्यापन कार्य बहुत अच्छी तरीके से करवाने के अलावा अन्य सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका होने के साथ, गांव एवं क्षेत्र के गरीब होनहार बच्चों को शाला समय के अतिरिक्त प्राथमिक स्तर के बच्चों की नीव को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ने नहीं छोड़ते।

 

आइए जानते हैं उनके बारे में- शिक्षक टिकेश्वर पटेल पिता श्री भूपदेव सिंह पटेल जो रायगढ़ जिला के घरघोड़ा विकासखंड के ग्राम भेंगारी के किसान परिवार में पैदा हुए ।जिनकी प्रथम नियुक्ति लैलूंगा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला गोवर्धनपुर कोड़ासिया में 16.06.2005 में हुआ तत्पश्चात उसका स्थानांतरण घरघोड़ा विकासखंड में अगस्त 2008 शासकीय प्राथमिक शाला चारमार में हुआ जब मैं चारमार बच्चों को पढ़ाने आया , तो बच्चे रुचि लेकर नहीं पढ़ पा रहे थे क्योंकि यहां अधिकांश बच्चे आदिवासी बाहुल्य होने के कारण धनवार, लोहार, मांझी, अगरिया से आते है, जिससे बच्चे बहुत कमजोर थे। और मेरे पढ़ाए शब्दों को नहीं समझ पा रहे थे, बहुत कोशिशों के बावजूद उन्हें धीरे-धीरे पढ़ाना पड़ता था समझ नहीं पाने के कारण मुझे बहुत निराश लगता था। फिर मैंने यहां भी नवाचार करने का सोचा ,जब से मेरी नियुक्ति हुआ है तब से मैं बच्चों को विभिन्न प्रकार के नवाचार ,सहायक शिक्षक सामग्री से पढ़ाता आ रहा हूं ।

नवाचार शिक्षा के साथ बच्चो को देते है नि:शुल्क कोचिंग रायगढ़ जिले के शिक्षक टिकेस्वर पटेल

और उसका परिणाम ही मुझे अच्छा मिलता आ रहा है, इससे बच्चे रुचि लेकर ध्यान से पढ़ते हैं एवं सीखते हैं साथ ही बच्चों की एकाग्रता की भावना जागृत होती है। सर्वप्रथम मैंने मेरे विद्यालय के प्रधान पाठक श्री उदय राम राठिया के पुत्र को नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा एवं जवाहर उत्कर्ष प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराया। जिसमें जवाहर नवोदय विद्यालय में चयन होने से पूरे स्कूल के विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में चयन होने वाला प्रथम छात्र के रूप में होकर वहीं छात्र आज “*एम. बी. बी. एस”* में चयन होने पर प्राथमिक शाला चारमार के समस्त गुरुजनों एवं माता-पिता का नाम रोशन कर रहा है।

 

सन 2008 से लेकर अब तक शासकीय प्राथमिक शाला चारमार से कोई न कोई छात्र विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा जैसे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल जवाहर उत्कर्ष प्रवेश परीक्षा एवं एकलव्य जैसे प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों में जिसमें अभी तक नवोदय विद्यालय में 11 छात्रों का चयन सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा इसी वर्ष 2020 की परीक्षा में 2 छात्र आयुष गुप्ता एवं युवराज पटेल का चयन *”सैनिक स्कूल अंबिकापुर “*के लिए हुआ है। जो कि दोनों छात्र शासकीय प्राथमिक शाला चारमार में अध्यनरत है । स्कूल के लिए, क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है ।

 

मेरे द्वारा किए गए नवाचार-

1. विलोम शब्द- एक माचिस के डिब्बों की आकार की बनी हुई है इसको चार्ट पेपर पर चिपका गए हैं माचिस डिब्बे के ऊपर शब्द लिखा गया है तथा माचिस अंदर अंदर में उस शब्द का विलोम शब्द लिखा गया है बच्चे जब माचिस के ऊपर लिखे शब्दों को पढ़ने के बाद डिब्बों को खोलेंगे तो उस तो उसे विलोम शब्द मिल जाएगा।..

2. गणित चक्र- इसका निर्माण घर में रखे कार्टून से कर सकते हैं इसको छह गोल आकृति काट कर बनाते हैं !पहली आकृति में 0 से लेकर 9 तक की संख्या लिखते है। दूसरी आकृति में +,-,×,÷लिखेंगे ।

तीसरी आकृति में 0 से 9 तक की संख्या लिखेंगे। चौकी आकृति में = का चिन्ह लिखेंगे पांच की आकृति में 0 से 9 तक की संख्या लिखेंगे एवं छठी आकृति में ही 0 से 9 तक की संख्या लिखेंगे। इस प्रकार बच्चों को गणित के चक्र के माध्यम से जोड़ ,घटाव ,गुणा ,भाग इत्यादि को अच्छी तरह से सिखाया जा सकता है।

3. मिनी वाटर फिल्टर- इसके निर्माण के लिए प्लास्टिक का बड़ा बोतल लगेगा !जिसको हम निचली सिरा को काट देंगे।फिर कटे हुए ऊपरी भाग को रखेंगे और उसके ऊपर मिट्टी के छोटे टुकड़े मुरूम, कोयला, चुना, रेत डालते हैं ।तत्पश्चात कटे भाग को गंदे पानी डालते हैं ,वह फिल्टर होकर साफ पानी बन जाता है इससे हम बच्चों को पानी फिल्टर की अवधारणा को समझा सकते हैं ।

 

इस प्रकार इस स्कूल में शैक्षिक क्रियाकलापों के अलावा संबंधित शिक्षक की सक्रिय भूमिका-

 

शिक्षा के साथ स्वच्छता में भी आगे चारमार आज प्राथमिक शाला चारमार में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार खेल एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जिससे कि बच्चे संपूर्ण परिधान के साथ स्वच्छ स्कूल आते हैं। यहां बच्चों को पर्यावरण से जोड़कर प्रति बच्चे को एक-एक पौधे के संरक्षण हेतु नामित किया गया है जिससे बच्चों में पर्यावरण के प्रति प्रेम एवं जागरूकता का भाव उत्पन्न हो।

गांव में घर घर जाते हैं बच्चों को लाने शिक्षक टिकेश्वर पटेल बताते हैं कि 5 साल पहले यहां छात्रों की संख्या महज कम थी यहां अधिकतर अभिभावक मांझी धनवार, लोहार है जो अत्यंत गरीब होने के कारण सुबह मजदूरी के लिए निकल जाते थे। जिससे उसके बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते थे। शिक्षक टिकेश्वर पटेल ने बार-बार शिक्षक पालक सम्मेलन कर बच्चों को स्कूल जाने का अथक प्रयास किया आज स्थिति यह है कि शिक्षकों की रुचि को देखकर स्वयं अभिभावक बच्चे को संपूर्ण परिधान एवं स्वच्छता के साथ तैयार होकर बच्चे स्कूल पहुंचा देते हैं। नतीजा है यह है कि वर्तमान में 82 बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे हैं ।जिससे प्रतिदिन शत-प्रतिशत उपस्थिति बनी रहती है।

 

प्रतिभाओं की नर्सरी है यह स्कूल-सबसे बड़ी गौरव की बात यह है कि पिछले 7 वर्षों में इनकी पढ़ाई गए हैं 33 छात्र-छात्राओं का हो चुका है नवोदय में चयन एवं 2 छात्रों का इसी वर्ष सत्र 2020 में सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में चयन हो गया जिससे यहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार एवं खेल पर विशेष ध्यान दिया जाता है इस विद्यालय में हर महीने के अंतिम शनिवार को मासिक टेस्ट लिया जाता है ।जिससे उनके काम की प्रगति की समीक्षा की जाती है ।

प्राइवेट विद्यालय की तर्ज पर दीपावली एवं शीतकालीन अवकाश में अतिरिक्त क्लास लगाई जाती है। अंग्रेजी एवं सामान्य ज्ञान पर विशेष फोकस किया जाता है नतीजा यह है कि पिछले 7 वर्षों से कोई न कोई छात्र नवोदय विद्यालय सैनिक स्कूल एकलव्य स्कूल एवं जवाहर उत्कर्ष जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जाना जाता है।

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बेहतर पढ़ाई की वजह से 17 किलोमीटर दूर से आते हैं बच्चे- यहां पदस्थ प्रधान पाठक उदय राम राठिया ने बताया कि शिक्षक टिकेश्वर पटेल ने इस सरकारी स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी गणित (मैथ्स ट्रिक) द्वारा बेहतर बनाने की नीव रखी। अच्छी शिक्षा एवं संस्कार की वजह से आज की सरकारी स्कूल के आसपास के गांव के करीब 20 से 22 बच्चे 17 किलोमीटर दूर से शिक्षा ग्रहण करने आते हैं सबसे बड़ी उपलब्धियां है कि पूर्व में तीनों शिक्षक के बच्चे इसी सरकारी स्कूल में पढ़ कर नवोदय विद्यालय में चयन हुआ है।

यह तीनों शिक्षक मेहनती एवं कर्मठ सदस्य तीनों शिक्षक उदय राम राठिया, संतोष कुमार गुप्ता एवं टिकेश्वर पटेल जी का मानना है, कि वे बच्चों को खुशनुमा माहौल देकर बच्चों को स्कूल एवं शिक्षा के प्रति आकर्षित करना चाहते हैं ताकि बच्चे स्कूल से दूर भागने के बजाय खुद से स्कूल आएं इस कार्य में सभी शिक्षक सफल भी है जिसके कारण आज दर्ज संख्या 42 से बढ़कर 82 हो गई है जिससे हमेशा शत-प्रतिशत उपस्थिति भी बनी रहती है।

 

सीख लेनी चाहिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि शिक्षक ईश्वर पटेल को रोल मॉडल मानते हैं उनका कहना है कि दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को सीख लेने की जरूरत है जो संसाधनों का रोना रोकर शिक्षक के लिए बेहतर प्रयास नहीं कर पाते इस स्कूल में पहुंचने के बाद स्कूल कैंपस से ही बाहरी आवरण से पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ अंदर दीवारों को पाठ्यक्रम से संदर्भित ऐसे चित्र को उकेरा है जो बच्चों के लिए रुचिकर है।

शिक्षक पटेल ने स्वयं की वैसी वॉल पेंटिंग से प्रिंट रिच वातावरण का निर्माण किया तथा बच्चों को हिंदी अंग्रेजी गणित पर्यावरण सीखने के लिए विभिन्न प्रकार के आकृतियों का निर्माण कराया शब्द निर्माण गणित चक्र अंग्रेजी चक्र विभिन्न प्रकार के रंगों की जानकारी एवं दीवाल में छोटे-छोटे चित्र को कैद कर कविता में नया जान डाल दी है जिससे बच्चे की कक्षा को रुचिकर बनाकर रिच वातावरण पर रोचक बनाया गया है जिससे बच्चों को सीखने में सरलता हुई साथ ही बच्चों के लिए बाढ़ से जुगाड़ विभिन्न प्रकार के सहायक शिक्षण सामग्री का निर्माण किया जिससे बच्चों को सीखने में सरल एवं सहज हुई।

मैंने स्वयं की वैसे लैपटॉप खरीदा है जिससे बच्चों को कंप्यूटर ज्ञान साथ साथ दृश्य एवं श्रव्य कहानी गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाने से बच्चे जल्दी सीख रहे हैं विद्यालय में वाल मैगजीन का निर्माण भी किया गया ह जिससे बच्चों द्वारा लिखित कविता कहानी चित्र को स्थान प्रदान किया गया है साथ ही प्रत्येक बच्चे के जन्म दिवस पर यहां के प्रधान पाठक द्वारा बेस्ट विशेष का कार्ड दिया जाता है हमारे विद्यालय में शाला विकास समिति एवं सहयोग से बच्चों के लिए टाई बेल्ट जूता बैग कॉपी पेन पेंसिल प्रदान किया जाता है साथ ही बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए जनसहयोग से मंच का निर्माण भी मेरे द्वारा कराया गया है।

 

किचन गार्डन का भी निर्माण किस वर्ष किया गया है जिसमें मौसम के अनुरूप सब्जियां लगाई जाती है जिससे ईश्वर से प्रारंभिक स्तर पर लाल भाजी पालक भाजी मेथी भाजी लगाया गया था जिसको स्कूल के मध्यान भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है यहां विभिन्न प्रकार के फलदार एवं छायादार पौधे मेरे द्वारा 53 अशोक का वृक्ष लगाया गया है जो स्कूल की शोभा बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं विद्यालय में आंवला पूजन का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें गांव के पालक एवं वरिष्ठ जनों की सहभागिता होती है इस प्रकार मैं अपने कार्य को समाज से जोड़ने एवं बच्चों के लिए कुछ करने के लिए हमेशा तत्पर रहता हूं और प्रत्येक रविवार को भी मेरी गृह ग्राम भिनगारी में आसपास के गांव के बच्चों को निशुल्क नवोदय विद्यालय एकलव्य विद्यालय जवाहर उत्कर्ष एवं सैनिक स्कूल कोचिंग प्रदान करता हूं साथ ही बच्चों की दक्षता के आकलन के लिए मेरे द्वारा जिला स्तरीय नवोदय विद्यालय निशुल्क पड़ी मॉडल टेस्ट पेपर का आयोजन 30 वर्ष किया जाता है जिसमें इस वर्ष 103 बच्चे शामिल हुए थे इस प्रकार प्रथम द्वितीय एवं तृतीय आने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है युवकों को मोटिवेट कर परीक्षा में उतरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा जाता है।

 

आप इस कार्य को समाज से जोड़ने का पहल करना और अपने साले के लिए कुछ करके दिखाना है राष्ट्र के प्रति मेरा जो कर्तव्य है उसे मैं इन बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर चुकाना चाहता हूं ।इस प्रकार समुदाय को यह बताना है कि हमारा सरकारी स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं।

मेरे द्वारा किए गए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास व कार्य  :-

 

1.शाला की शैक्षिक एवं भौतिक विकास में योगदान।
2., शाला प्रबंधन समिति एवं जन सहयोग से बच्चों को टाई बेल्ट जूता बैग वितरण।
3. शाला विकास समिति एवं जन सहयोग से बच्चों के लिए सांस्कृतिक मंच का निर्माण करना।
4. किचन गार्डन का निर्माण।

5. शाला समय की अतिरिक्त आसपास के गांव के बच्चों को “निशुल्क कोचिंग देकर” विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा हेतु तैयार करना।
6. प्लास्टिक मुक्त” हमर गांव हमर संकल्प “ग्राम चारमार के लोगों को जागरूक करने हेतु इस विषय पर रैली एवं ओपन रंगोली प्रतियोगिता एवं विद्यार्थियों के साथ घर-घर जाकर गांव को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने हेतु सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त करने एवं इसके विकल्प पर तथा वृक्षारोपण करने की अपील की जिसमें ग्रामीण जनों एवं आधार सहायता प्राप्त हो रही है।

7. अधिकांश ग्रामीण लड़कियां आठवीं एवं दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं अतः इस समस्या के निदान हेतु गणतंत्र दिवस पर ऐसे विद्यार्थियों के बालकों को जागरूक करने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” पर एक मार्मिक नृत्य कराया गया।,
8. प्राथमिक स्तर के बच्चों को गणित विषय से डर भगाने एवं रुचि पूर्ण क्लास बनाने के लिए अनेक प्रकार के मैथ शार्ट ट्रिक, सोशल मीडिया के माध्यम से यूट्यूब के माध्यम से मैथ्स t.l.m. बनाकर चार्ट प्रोजेक्ट के द्वारा रोचक और सरल बनाया गया।

 

आगामी लक्ष्य 2020-21हेतु :-

1. 4 छात्र-छात्राओं का नवोदय में चयन 3 छात्र-छात्राओं का जवाहर उत्कर्ष में चयन 2 का एकलव्य में चयन ।
2. मुस्कान पुस्तकालय का विस्तार करना।
3.शासकीय प्राथमिक शाला चारमार इस्मार्ट शाला के रूप में विकसित करना।
3. किचन गार्डन का विस्तार करना।
4.” नवोदय क्रांति” के नाम से यूट्यूब चैनल जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा जैसे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, जवाहर उत्कर्ष प्रवेश परीक्षा एवं एकलव्य स्कूल प्रवेश परीक्षा संबंधित शैक्षिक गतिविधि प्रसारित करना।

उपलब्धि :-

मेरा मानना है कि सबसे बड़ी उपलब्धि हमारा शिक्षण स्तर ग्राम वह बच्चे हैं मेरे पढ़ाएं हुए बच्चे जिस दिन एक ईमानदार और सफल नागरिक बनकर देश व अपने परिवार की सेवा करेंगे वह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

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